A brilliant rendition by rahman ..this eg. that even as few as two instrument can make a gr8 song ..ofcorse with gr8 poetry धीमी धीमी खुशबू हैं तेरा बदन सुलगे महके पिघले दहके क्यों ना बहके मेरा मन वो चली हवा के नशा घुला हैं समा भी जैसे धुँवा धुँवा तेरा रुप हैं के ये धूप हैं खु
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