This video shows an awesome Story of Nepal Railways Janakpur–Jainagar Railway, a 2 ft 6 in (762 mm) narrow gauge railway was built by the British in 1937, during the Rana period. This 45 km track was built to carry timber from the heavily forested areas of Janakpur in the Kingdom of Nepal to Jainagar in British India.. Later this train was handed over to Nepal Railways and it became an important rail route between India and Nepal.. till 1994, steam engine used to pull the train on this route.. In 1994, the then prime minister P V Narasimha Rao gifted six narrow gauge trains and five diesel engines to Nepal. All the rakes—basically trains with eight coaches each—and engines were sourced from the then South Eastern Railway's Nagpur division. six drivers went from the city to kick off the runs and give training to railway staffers in Nepal.. This line worked till 2014 and was closed for construction of New broad gauge line .. यह वीडियो नेपाल रेलवे की एक खूबसूरत कहानी दिखाता है जनकपुर-जयनगर रेलवे, 2 फीट 6 इंच (762 मिमी) नैरो गेज रेलवे का निर्माण 1937 में राणा काल के दौरान अंग्रेजों द्वारा किया गया था। यह 45 किमी का ट्रैक नेपाल साम्राज्य के जनकपुर के घने जंगलों से ब्रिटिश भारत में जयनगर तक लकड़ी ले जाने के लिए बनाया गया था। बाद में इस ट्रेन को नेपाल रेलवे को सौंप दिया गया और यह भारत और नेपाल के बीच एक महत्वपूर्ण रेल मार्ग बन गया। 1994 में तत्कालीन प्रधान मंत्री पी वी नरसिम्हा राव ने नेपाल को छह नैरो गेज ट्रेनें और पांच डीजल इंजन उपहार में दिए थे। सभी रेक- मूल रूप से प्रत्येक में आठ कोचों वाली ट्रेनें- और इंजन तत्कालीन दक्षिण पूर्व रेलवे के नागपुर डिवीजन से मंगवाए गए थे। नेपाल में रेलवे कर्मचारियों को सिखाने और प्रशिक्षण देने के लिए छह ड्राइवर शहर से गए थे.. यह लाइन 2014 तक काम करती रही और 2014 के बाद नई ब्रॉडगेज लाइन के निर्माण के लिए बंद कर दी गई। #nepal #Nepalrailways #steamengineinnepal #जनकपुरधाम #Traintonepal
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