Based on the poem of Mirabai, the great Saint-Poet, and seer of Lord Krishna songs of her great devotion to Lord Krishna prayers for a touch of his lotus feet to redeem her from all things परसि हरि के चरण मन रे परसि हरि के चरण ।। टेक ।। सुभग सीतल कँवल कोमल, त्रिविध ज्वाला हरण । जिण चरण प्रहलाद परसे, इंद्र पदवी धरण । जिण चरण ध्रुव अटल कीने, राखि अपनी सरण । जिण चरण ब्रह्मांड भेटयो, नखसिखाँ सिरी धरण । जिण चरण प्रभु परसि लीने, तरी गोतम धरण । जिण चरण कालीनाग नाथ्यो, गोपलीला करण । जिण चरण गोबरधन धार्यो,
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