भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान! Watch the video song of ''Darshan Do Bhagwaan'' here - Watch the Short story ''Holika dahan | holee speshal | jay ganga maiya katha | '' now! Watch all the Ramanand Sagar's Jai Ganga Maiya full episodes here - Subscribe to Tilak for more devotional contents - हरिणयकश्यप प्रलहाद को मारने के लिए अपनी तलवार निकलता है तो क्याधु बीच में आ जाती है। तभी वहाँ हरिणयकश्यप की बहन होलिका वहाँ आ जाती है और प्रलहाद को अपने साथ जलती चिता में बैठ कर उसके प्रण लेने के बात बताती है। होलिका को अग्नि से ना जलने का वरदान था। हरिणयकश्यप की बहन होलिका प्रलहाद को गोद में लेकर चिता पर बैठ जाती है और जैसे ही अग्नि जलती है होलकी हंसने लगती है लेकिन होलिका की हंसी कुछ ही देर में चीख़ों में बदल जाती है। प्रलहाद को विष्णु नाम का जाप करता रहता है और अग्नि से उसे कोई हानि नहीं होती। होलकी अपने साथ वरदान में धोखे की बात करती है तो गंगा मैया वहाँ प्रकट हो कर बताती है की यह वरदान तुम्हारी ग़लत नियत और प्रलहाद का अहित करने की वजह से समाप्त हो गया है। होलकी अग्नि में जलकर भस्म हो जाती है। क्याधु ये सब देखने से पहले ही बेहोश हो जाती है। प्रलहाद अपनी माता क्याधु के पास आता है क्याधु के होश में आते ही वह अपने पुत्र प्रलहाद को देख प्रसन्न हो जाती है। प्रलहाद अपनी माता को समझता है की आप मेरी चिंता ना करे विष्णु भगवान हमारे साथ हैं वो हमें कुछ भी नहीं होने देंगे। Ramanand Sagar presents - 'JAI GANGA MAIYA' based on the most revered and the only living goddess - GANGA. Residing in the Kamandal of LORD BRAHMA, BHAGWATI GANGA, like SARASWATI and LAXMI, is one of the seven SHAKTIS of supreme GODDESS MAHAMAYA ADISHAKTI. The story goes far back when Kapil Muni curses King Sagar's sixty thousand and one sons and reduces them to ashes. On repeated requests by the sole son of King Sagar, Kapil Muni finally changes his mind and says that King Sagar's sons would attain MUKTI only if their ashes are cleansed by the holy water of GODDESS GANGA. Generation after generation apologize to pacify BRAHMA but without success - and finally after music praying by BHAGIRATH - the seventh generation of King Sagar, GANGA reluctantly consents to descend to earth
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