Vocals | Flute | Music: Agam ~ () ~ () Video | Thumbnail ~ Kushagra Rajput () Lyrics with meaning- नमामीश्वरं सच्चिदानंदरूपं लसत्कुण्डलं गोकुले भ्राजमानं यशोदाभियोलूखलाद्धावमानं परामृष्टमत्यं ततो द्रुत्य गोप्या ॥ १॥ जिनके कपोलों पर दोदुल्यमान मकराकृत कुंडल क्रीड़ा कर रहे है, जो गोकुल नामक अप्राकृत चिन्मय धाम में परम शोभायमान है, जो दधिभाण्ड (दूध और दही से भरी मटकी) फोड़ने के कारण माँ यशोदा के भय से भीत होकर ओखल से कूदकर अत्यंत वेगसे दौड़ रहे है और जिन्हें माँ यशोदा ने उनसे भी अधिक वेगपूर्वक दौड़कर पकड़ लिया है ऐसे उन सच्चिदानंद स्वरुप, सर्वेश्वर श्री कृष्ण की मै वंदना करता हूँ । रुदन्तं मुहुर्नेत्रयुग्मं मृजन्तम् कराम्भोज-युग्मेन सातङ्क-नेत्रम् मुहुः श्वास-कम्प-त्रिरेखाङ्क-कण्ठ स्थित-ग्रैवं दामोदरं भक्ति-बद्धम् ॥ २॥ जननी के हाथ में छड़ी देखकर मार खानेके भय से डरकर जो रोते रोते बारम्बार अपनी दोनों आँखों को अपने हस्तकमल से मसल रहे हैं, जिनके दोनों नेत्र भय से अत्यंत विव्हल है, रोदन के आवेग से बारम्बार श्वास लेनेके कारण त्रिरेखायुक्त कंठ में पड़ी हुई मोतियों की माला आदि कंठभूषण कम्पित हो रहे है, और जिनका उदर (माँ यशोदा की वात्सल्य-भक्ति के द्वारा) रस्सी से बँधा हुआ है, उन सच्चिदानंद स्वरुप, सर्वेश्वर श्री कृष्ण की मै वंदना करता हूँ । इतीदृक् स्वलीलाभिरानंद कुण्डे स्व-घोषं निमज्जन्तम् आख्यापयन्तम् तदीयेशितज्ञेषु भक्तिर्जितत्वम पुनः प्रेमतस्तं शतावृत्ति वन्दे ॥ ३॥ जो इस प्रकार दामबन्धनादि-रूप बाल्य-लीलाओं के द्वारा गोकुलवासियों को आनंद-सरोवर में नित्यकाल सरावोर करते रहते हैं, और जो ऐश्वर्यपुर्ण ज्ञानी भक्तों क
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